इराक में सरकार के खिलाफ पिछले दो महीने से जारी प्रदर्शनों ने हिंसा का रूप ले लिया है। राजधानी बगदाद और देश के दक्षिणी क्षेत्र में गुरुवार को उग्र प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 40 लोगों की मौत हो गई। अकेले नसीरिया में 25 लोग मारे गए।
शिया समुदाय के पवित्र शहर नजफ में भी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में दस प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। सुरक्षा बलों ने यह कार्रवाई प्रदर्शनकारियों द्वारा बुधवार देर रात नजफ स्थित ईरानी वाणिज्य दूतावास को फूंक देने के बाद की। इराक में इतने व्यापक स्तर पर हिंसा वर्ष 2003 के बाद पहली बार देखी जा रही है।
तब तानाशाह सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटाने के दौरान मुल्क भीषण हिंसा के दौर से गुजरा था। देश में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ गत एक अक्टूबर से शुरू हुए आंदोलन में अब तक 390 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री अब्देल महदी के नेतृत्व वाली सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि सरकार ईरान के इशारे पर काम कर रही है
नासिरियाह (दक्षिणी इराक) में हजारों उग्र प्रदर्शनकारी गुरुवार को कर्फ्यू तोड़कर सरकारी कार्रवाई में मारे गए 25 लोगों की शवयात्रा में शामिल हुए। दरअसल, जनरल जमील शुमारी को नासिरियाह में विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए भेजा गया था।
विरोध प्रदर्शन को रोकने की कार्रवाई में कम से कम 25 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी और दो सौ से अधिक घायल हो गए थे। चिकित्सकों और सुरक्षाकर्मियों के अनुसार प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाई गई थीं। प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद भारी दबाव के बीच प्रधानमंत्री ने जनरल शुमारी को उनके पद से हटा दिया। नासिरियाह के गवर्नर ने कार्रवाई के लिए शुमारी को दोषी ठहराया था